रोना भी जरुरी है सेहत के लिए :-
सुना है, न आपने अगर हंसना सेहत के लिया लाभकारी होता तो रोना भी सेहत के लिए लाभकारी होता तो आप कहोगे की प्याज काटते समय जो आशु निकलता वो सही है तो हा आप सही सोच रहे हो वो सही है सेहत के लिए फायदेमन्द है हम जिंदगी में कब रोते है और वह कौन सा समय है जब हम अधिक रोते है किस Satiation में अधिक रोते रोना क्या सेहत के लिए जरुरी होता है क्या हानिकारक या लाभदायक होता है कभी रोना अधिक जरुरी है आज रोने के विषय पुर कुछ ऐसे ऐसे बात बताऊंगा जिससे सुनने के बाद आपको अच्छा भी लगेगा और मजा भी आना है आपको कुछ ऐसे रहस्यमयी ज्ञान देने वाला हु जिससे आप और आपका सेहत दोनों ठीक रहेंगे तो चलिए शुरू करते है।
विलियम फ्रे के अनुसार, यह जरुरी है की हम कभी कभार रोये लेकिन हमे किसी को रोकना नहीं चाहिए रोने से, रोने से आपका हार्ट और मस्तिक दोनों सुरक्षित रहता है तथा आँखों की बात की जाय तो वह भी सुरक्षित रहता है आँखों पुर जो कभी कभी लाल-लाल हो जाती है उसका निवारण रोना है कभी कभी व्यक्ति खुशी से रो जाता है अपनी इमोशनल को काबू नहीं कर पता है तथा वह जो आसु निकलती वह खुशी की आशु होती है जो कभी ही निकलती है।
हम सभी ने जिंदगी में कभी न कभी जरूर रोया होगा मै बचपन की बात नहीं कर रहा हु अगर हम छोटे होते है तो रोते ही है लेकिन मै जब हम थोड़े बड़े हो जाते है तब की आयु की बात कर रहा हु लेकिन हम अभी बड़े हो गए है हम जल्दी नहीं रोते है और कभी ऐसा समय आता कुछ ऐसी परिस्तिथियां होती है हो आंख से आशु बहार निकल देती है एक Scintillate Prove हुवा है की Female और Male की तुलना की जाय तब Female Male से अधिक रोने वाली प्रतिक्रिया उत्पन करती है। अगर एक बच्चे की बात किया जाय उसका रोना फायदेमंद होता उसकी उभरती जीवन के लिया अगर वो रोता तो सही है और बच्चे जब जन्म लेते तो उनका रोना जरुरी होता है।
रोने के अचूक फायदे जो काफी है आपके रोने के लिए !
बच्चे का रोना एक कोई नई बात नहीं है बच्चे खा जाता है की भगवान का एक स्वरुप होते है अगर घर में बचे है तो उनका रोना घर के लिए पवित्र मना जाता है बचपन में जितना बच्चा हसता नहीं है उससे बहुत ज्यादा रोता है और जब हम बड़े होते है तो हूबहू इसका उल्टा होता है हम रोते तो कम है पर हसंते बहुत ज्यादा है जिंदगी हमें हेर वो करने का मौका देता जो हम चाहते हो और वो भी देते जो हम न चाहते आशु तीन प्रकार का होता है रेफ्लेक्सिव, कंटीनियस,इमोशनल, क्या आपको पता है मनुस्य यही तीन प्रकार से रोता है इमोशनल रोना बहुत फायदेमंद होता है सेहत के लिए आइये जानिए कैसे !
रोने के फायदे
अगर आपको कोई समस्या है आप कितना भी परेशान रहते, तो रोने से दिमाग का थोड़ा तनाव दूर होता है ये रोना बहुत अजीब से आदत है जो दिमाग काफी सारी तकलीफ को दूर कर देता है तथा अगर परेशान हो लाइफ में किसी समस्या से मेरे हिसाब से बहुत राहत मिलता है । मैं यह जनता हु की समस्या का समाधान नहीं सकता लेकिन थोड़ी देर आप तनाव रहित जरूर महसूस करेंगे फिर अपने समस्या का समाधान ढूढ सकते है।
नहीं रोने से होने वाले नुकसान
बहुत लोग ऐसे होते जो रोना चाहते है लेकिन कभी वो रो नहीं पातें है अगर वो पाते है तो उनके लिए बहुत खतरे की क्योकि अगर आप नहीं रट तो आपको दिमागी तौर Dippressed करती हैं तथा यह बहुत बड़ी बीमारी को न्योता देती है। नीदरलैंड्स में हाल हुए स्टडी पर लोगो को सेड मूवी दिखाया गया जिसमे यह पता चला की फिल्म देखकर रोने वालो को एक विभाग में बाटा गया तथा नहीं को एक अलग विभाग में बाटा गया तथा कुछ लोग को भवनात्मक तौर पर कोई असर नहीं पड़ा तथा कुछ लोग तो बुरी तरह रोये हलांकि यह मालूम हुवा कि ,20 मिनट तक रोने वाले सामन्य महसूस थे तथा 90 मिनट बिताने के बाद रोने वाले लोग, नहीं रोने वाले लोगो से ज्यादा बेहतर महसूस कर रहे थे
रोने से तनाव घटता है --
आप सोचेंगे की में यह बात बार क्यों बोल रहे है क्योकि की यह बात इतना ही महत्वपूर्ण है जितना भी नहीं सकते है अल्ज़ाइमर रसर्च सेंटर रिजिन्स हॉस्पिटल फाउंडेशन के डायरेक्टर, विलियम एच् फ्रे ने लोगो को साइड मूवी दिखाई, विलियम के अनुसार हम रोने के बाद इसलिए अच्छा महसूस करते है कि तनाव के दौरान उत्पन हुवे केमिकल्स बहार निकल जाते है और यह केमिकल्स बहुत तनाव उत्पन करता है जिससे आप चैन से कुछ काम भी नहीं कर सकते है।
हम कितनी भी बड़ी समस्या होती लेकिन रो नहीं पाते और हम रोना चाहते है क्या करे ?
इस प्रश्न का जवाब देने से पहले एक बात बोलना चाहूंगा की अगर आप इससे मजाक में लेते हो तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हो क्योकि आप नहीं जानते की आप कोई छोटी बीमारी नहीं एक बहुत बड़ी बीमारी को नेवता दे रहे हो दिमाग की बीमारी, मै आपको एक अपने Friend Circle की घटना बताऊंगा की एक हमारे ग्रुप में एक दोस्त था जिसके दादा इसी तरह दिमागी तौर पुर हमेशा परेशान रहते थे वह बहुत तनाव में थे , इसकी शुरूआत उनकी पत्नी के गुजर जाने पर हुई जिस दिन उनकी पत्नी गुजरी थे वो एक बार भी नहीं रोये ऐसा बात नहीं था की उन्हें अपनी पत्नी गुजर जाने की उहे कोई दुःख नहीं था वह दिमागी तौर से दुःख थे लेकिन वह इस किस्म के थे न रोने वाले तथा उसी गम रहते रहते उनकी जिंदंगी को ६ महीने बाद कोमा में ले गया अगर वो उस दिन रो लेते तो ऐसा नहीं होते। अगर आप भी कुछ ऐसे प्रॉब्लम में हो तो आप अपने ज़िंदगी के सबसे बुरी घटना तथा उस अन्याय को याद कीजिये जो आपके साथ हुआ है और अपने दिमाग ने सा सोचकर दिल से सोचिये थोड़े देर के लिए दिल की बात मानिये तथा उससे थोड़ा हल्का महसूस कराइये इसका कोई इलाज नहीं है सिवाय आपके आप ही इससे बढ़ा सकते है और आप ही घटा सकते है एक मशहूर कलाकार Anand Sir ने है की "बाबू ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए लम्बी नहीं" ।



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